Mechanical engineer kaise Bane: मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स की पूरी जानकारी

आज की इस पोस्ट में हम mechanical engineering course के बारे में बात करेंगे। अगर आपको जानना है कि mechanical engineer kaise Bane और मेकैनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के बारीकियां क्या है तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े।

ताकि आपको पता चले मेकैनिकल इंजीनियरिंग क्या है, मेकैनिकल इंजीनियर कैसे बने, मेकैनिकल इंजीनियरिंग कोर्स फी, एडमिशन प्रॉसेस, एंट्रेंस एग्जाम, बेस्ट कॉलेज, स्कोप, नौकरी, सैलरी, इत्यादि।

इंजीनियरिंग में बहुत से शाखायें है परंतु सिविल, केमिकल इंजीनियरिंग जैसे मकैनिकल इंजीनियरिंग भी मदर ट्रेड में से एक है। इसकी डिमांड पहले की तरह आज भी है और आगे भी रहने वाले है।

Mechanical Engineering Course Details

आज की तारीख में हर जगह यंत्रों की उपयोग किया जा रहा है, यंत्रों के बिना किसी भी काम करना कल्पना भी नहीं किया जा सकता, यूं कहें तो हम सब यांत्रिक युग में जी रहे है, इसके सिवा हमारे अस्तित्व सोच भी नहीं सकते।

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मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है

मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की वो शाखायें है जो सामग्री विज्ञान के साथ इंजीनियरिंग फिजिक्स और मैथेमेटिक्स के सिद्धांतों को जोड़ती है किसी भी यांत्रिक प्रणालियों के डिज़ाइन, विश्लेषण, निर्माण, और रखरखाव के लिए।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग एक पुरानी और प्रशिद्ध इंजीनियरिंग कोर्स है जिसके डिप्लोमा, बैचलर, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी, आदि डिग्रियां उपलब्ध है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की कोर्स पूरा होने के बाद उम्मीदवारों को विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी करने का अवसर मिलता है। ऐसे उम्मीदवारों का विदेशों में भी डिमांड काफी अच्छी है।

मैकेनिकल इंजीनियर के लिए योग्यता

जैसे कि पहले बताया, मैकेनिकल इंजीनियर बनने हेतु डिप्लोमा, बीटेक कोर्स, एमटेक, पीएचडी आदि कोर्स उपलब्ध है। इन भिन्न डिग्रियों के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के योग्यतायें होनी चाहिए।

यदि डिप्लोमा कोर्स की बात करे तो, इसे 10 वी या 12 वी के बाद किया जाता है, इंसमे निर्दिष्ट सबजेक्ट का होना अनिवार्य नहीं है, कोई भी यह कोर्स कर सकता है।

आयु की बात करे तो डिप्लोमा कोर्स करने वाले उम्मीदवारों को न्यूनतम 15 साल की होनी चाहिए, उसके बाद डिप्लोमा कोर्स के लिए आवेदन कर सकते है।

और बीटेक या बिई (BE) ग्रेजुएशन लेवल की कोर्स है। इसे 12 वी के बाद किया जाता। 12 वी में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथेमेटिक्स का होना अनिवार्य है और इंसमे न्यूनतम 45 प्रतिशत नंबर भी चाहिए।

बाकी आयु की बात करे तो बीटेक के लिए 17 साल की होनी चाहिए तभी इंस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते है।

और एमटेक या एमई कोर्स के योग्यता की बात की जाए तो, यह पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है; इंसमे दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों को कम से कम बीटेक या फिर बिई का कोर्स करना होता; इंसमे आयु की कोई लिमिट नहीं है।

Mechanical engineer kaise Bane

हर स्टूडेंट्स के लिए बीटेक या बिई करना सम्भव नहीं होता क्योंकि, इसके कोर्स फीस और समयावधि दोनों ही ज्यादा है। इसलिए आप अपने जरूरत के हिसाब से तय कीजिये कि आपको कौन सा कोर्स करना चाहिए।

यदि बीटेक या बिई करेंगे तो कोर्स फीस ज्यादा देना होगा और समय भी चार साल लगेगी और अगर आप का आर्थिक स्थिति सही नहीं है और अगर आपको नौकरी की आवश्यकता जल्दी है तो डिप्लोमा आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है।

डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग: डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियर 3 साल की कोर्स है; जिसे 10 वी या 12 वी के बाद किया जाता। डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग का कोर्स करने के लिए पॉलीटेक्निक का पढ़ाई करना होता।

इंडिया में सैकड़ों पॉलीटेक्निक कॉलेज है जहां से कोई भी यह कोर्स कर सकते है। इंसमे डायरेक्ट एडमिशन और एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन होता है।

हर राज्य में विभिन्न नाम से एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है उंसमे उत्तीर्ण होने के बाद काउंसिलिंग में हिस्सा लेना होता, उंसमे उम्मीदवारों के रैंक के हिसाब से कोर्स में दाखिला मिलते।

बीटेक/बिई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग: बीटेक इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग चार साल की ग्रेजुएशन कोर्स है, इंसमे 12 वी के बाद दाखिला लिया जाता है। 12 में उम्मीदवारों को फिजिक्स, केमिस्ट्री मैथेमेटिक्स में कम से कम 50 प्रतिशत नंबर प्राप्त करनी चाहिए।

उसके बाद किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज/यूनिवर्सिटी में डायरेक्ट एडमिशन या फिर एंट्रेंस एग्जाम देकर दाखिला ले सकते है। डायरेक्ट एडमिशन लेने के लिए यूजीसी मान्यता प्राप्त किसी भी अच्छे कॉलेज में जाना होगा,

वहां उम्मीदवारों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, मार्कशीट, पास सर्टिफिकेट, माध्यमिक के एडमिट कार्ड, पहचानपत्र, पासपोर्ट साइज फ़ोटो कॉपी 3 पीस, इत्यादि।

इन सारे दस्तावेजों के ज़ेरॉक्स कॉपी के साथ एडमिशन फॉर्म भरकर कॉलेज में सबमिट करना होगा, इसके साथ एडमिशन फीस जमा करते है ही कोर्स में दाखिला मिल जाएगा।

जिन कॉलेजों में एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से एडमिशन लेते है वहां सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम के लिए फॉर्म भरना होगा उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करना है।

एंट्रेंस एग्जाम पूरा होने के बाद उम्मीदवारों का रैंक लिस्ट जारी किया जाता, उसी के आधार पर काउंसलिंग आयोजित किया जाता और उम्मीदवारों को कॉलेज में प्लेसमेंट मिलता।

उसके बाद 12 वी के मार्कशीट, पास सर्टिफिकेट, आयु के प्रमाणपत्र (10 वी के एडमिट कार्ड), पहचानपत्र, आदि के ज़ेरॉक्स कॉपी कॉलेज में सबमिट करना होता, इसके साथ एडमिशन फीस जमा करके कोर्स में दाखिला लेना होगा।

एमटेक/एमई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग: मैकेनिकल इंजीनियरिंग के पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स करने के लिए सबसे पहले बीटेक/बिई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करना होगा।

उसके बाद एमटेक/एमई में डायरेक्ट एडमिशन या एंट्रेंस एग्जाम देकर कोर्स में दाखिला लिया जाता है। यह 2 साल की कोर्स है। यह डिग्री हासिल होते ही उम्मीदवारों को मैकेनिक की क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल हो जाती है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा और ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला लेने के लिए भिन्न-भिन्न एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है; यहां हमने कुछ एंट्रेंस एग्जाम के नाम बताये है:

• डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग की कुछ एंट्रेंस एग्जाम के नाम है; JEXPO, VOCLET, AP Polycet, Assam PAT, DCECE, JEECUP, AP JEE, MP PPT, इत्यादि।

• बीटेक/बिई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला JEE Main और JEE Advance के माध्यम से लिया जाता है; इस एग्जाम उत्तीर्ण होने के बाद इंडिया में किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल जाता है।

इसके अलावा राज्य स्तरीय पर भी बहुत से एग्जाम होता जैसे; WB JEE, UP CET, MHT CET, KEAM, इत्यादि। कुछ बड़े बड़े इंस्टिट्यूट भी अपने हिसाब से एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करते है, जैसे; BITSAT, VITEEE, SRMJEE, इत्यादि।

मेकैनिकल इंजीनियरिंग कोर्स के समयावधि

मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स की समयावधि की बात करे तो, पॉलीटेक्निक इंजीनियरिंग या डिप्लोमा कोर्स के समयावधि है 3 साल, बीटेक या बिई कोर्स की समयावधि है 4 साल, वही एमटेक या एमई कोर्स के ड्यूरेशन है 2 साल।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस

जैसे कि पहले बताया, मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स उपलब्ध है। हर कोर्स के फीस अमाउंट भी भिन्न होता है।

इसके अलावा यदि कोई सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते है तो उन्हें बहुत ही कम कोर्स फीस देना होगा अन्यथा प्राइवेट कॉलेजों में कोर्स फीस बहुत ही ज्यादा देना होगा।

डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स की फीस देखा जाए तो ₹ 30,000 से ₹ 1,80,000 तक होता है; यह आंकड़े हर कॉलेज के हिसाब से भिन्न होगा।

और बीटेक/बिई इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स की फीस ₹ 2,50,000 से ₹ 8,00,000 तक हो जाता है, कुछ प्राइवेट कॉलेजों में इससे भी ज्यादा फीस देना होता।

Mechanical engineering Best Colleges

इंडिया में बहुत से कॉलेज है जहां से उम्मीदवार मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिप्लोमा और ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल की पढ़ाई कर सकते है। परंतु किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने से उस कॉलेज के बारे में बेसिक जानकारी अवश्य लिनी चाहिए।

यहां हमने कुछ कॉलेज के नाम बताये है जहां मैकेनिकल इंजीनियरिंग की कोर्स करवाई जाती हैं:

• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे, महाराष्ट्र
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खरगपुर, पश्चिम बंगाल
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर, उत्तर प्रदेश
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास, चेन्नई
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली, नई दिल्ली
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी गुवाहाटी, असम
• नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरतकल
• लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
• बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BHU), वाराणसी

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मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद क्या करे

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद उम्मीदवारों के लिए नई नई द्वार खुल जाते है; कोई चाहे तो सरकारी या निजी क्षेत्र में नौकरी कर सकते है अन्यथा उच्च शिक्षा के लिए अपना पढ़ाई जारी रख सकते है।

आज के समय मैकेनिकल इंजीनियर के लिए गवर्नमेंट क्षेत्र, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज, ऐरोस्पेस इंजीनियरिंग, पब्लिक वेलफेयर डिपार्टमेंट, डिफेंस सेक्टर, ऑटोमोटिव इंडस्ट्री जैसे सेक्टर में अपार संभावनाएं है।

यदि मैकेनिकल इंजीनियरिंग के उम्मीदवारों के लिए टॉप रिक्रूटिंग कंपनी की बात की जाए तो, Tata, Motors, M&M, BMW, General Electric Co, Larsen & Toubro Ltd, Hyundai motor, Hero Motocorp, Caterpillar, इत्यादि।

मैकेनिक इंजीनियरिंग के सैलरी

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिप्लोमा डिग्री पूरा होने के बाद उम्मीदवार जूनियर इंजीनियर बन जाते है। सुरुवात में किसी भी जूनियर इंजीनियर को ₹ 15,000 से ₹ 20,000 की सैलरी हर महीने मिलते है। उसके बाद अनुभव बढ़ने के साथ साथ सैलरी भी बढ़ती है।

और बीटेक/बिई इन मैकेनिकल इंजीनियर करने बालों को सीनियर इंजीनियर कहा जाता है; ऐसे उम्मीदवारों को सुरुवात में ₹ 20,000 से ₹ 45,000 हर महीने सैलरी मिलते है और काम के अनुभव के साथ सैलरी भी बढ़ती है।

निष्कर्ष: आज की इस पोस्ट में mechanical engineer kaise Bane, मैकेनिकल इंजीनियर बनने के लिए क्या करना होता, मैकेनिकल इंजीनियरिंग क्या है, मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स फीस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के एडमिशन प्रॉसेस, मैकेनिकल इंजीनियर के सैलरी, इत्यादि।

आज की आर्टिकल आपको कैसे लगी कमेंट करके बताये और अपना राय कमेंट करके बताये, यदि कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट सेक्शन में पूछिये, 24 घंटे के अंदर आपके सवाल का जवाब दिया जाएगा।

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