Computer engineer kaise Bane, दाखिला, नौकरी, सैलरी, इत्यादि

आज के समय दुनिया तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है। हर एक फील्ड में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जा रहा है काम को आसान बनाने के लिए। सरकार की ओर से भी कंप्यूटर का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करने की सलाह दिया जा रहा है ताकि हर वर्ग के लोगों को कंप्यूटर के फायदे के बारे में पता चले और वह इसे इस्तेमाल करके अपने काम को चुटकियों में पूरा करने में सक्षम हो सके।

कंप्यूटर की इस बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए बहुत से छात्रों के मन मे कंप्यूटर इंजीनियरिंग कोर्स को लेकर रुझान तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन ज्यादातर स्टूडेंट्स को यह पता नहीं है कि Computer engineer kaise Bane.

यदि आप भी उन स्टूडेंट्स में से कोई है जो आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहते है पर यह पता नहीं कि कैसे कंप्यूटर इंजीनियर बनते है, तो आज की लेख आपके लिए। इस लेख में हम डिटेल्स में चर्चा करेंगे कि कंप्यूटर इंजीनियर कैसे बने, कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए कौन सा कोर्स करना पड़ता है, कोर्स की फीस कितनी होती है, स्कोप क्या क्या है, नौकरी कौन कौन सी मिलेगी, सैलरी कितना होगा, इत्यादि।

Computer Engineer Kya Hai

कंप्यूटर इंजीनियर के नाम से ही पता चल रहा होगा कि, जिन पेशेवर व्यक्ति कंप्यूटर से जुड़े इंजीनियरिंग कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करते है उन्हें ही कंप्यूटर इंजीनियर कहते। जिन का मुख्य काम होता सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की क्षेत्र में सॉफ्टवेयर का डेवेलोप करना, इनस्टॉल, मेंटेन, डेटाबेस मैनेज, सिक्योरिटी, आदि का देखरेख और समय समय नए विर्सजन का अपडेट करना और साथ मे कंप्यूटर की हार्डवेयर का भी देखभाल करना होता।

कंप्यूटर इंजीनियर बनने हेतु कई सारे डिग्रियां है जिसके लिए अलग अलग पात्रता मानदंड का आवश्यकतायें होती है। जैसे बीटेक या बीई डिग्री के लिए उम्मीदवारों को साइंस क्षेत्र से होना अत्यंत अनिवार्य है पर अगर कोई डिप्लोमा करना चाहे तो उसके लिए किसी एक निर्दिष्ट स्ट्रीम से पढ़ाई करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

आज के तारीख में सफलतापूर्वक कंप्यूटर इंजीनियरिंग की कोर्स किये हुए पेशेवर व्यक्तियों का मांग देश तथा विदेशों में काफी अधिक है। ऐसे उम्मीदवारों को टीसीएस, महिंद्रा, विप्रो, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, वॉलमार्ट, इसरो, डीआरडीओ, जैसे बड़े बड़े कंपनियों में हाई सैलरी पैकेज प्रदान करके नियुक्त किया जाता है।

Computer engineer kaise Bane

स्कूल में पढ़ाई के दौरान बहुत से स्टूडेंट्स का सपना होता है इंजीनियरिंग की कोर्स करके सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने पर इसकी यात्रा आसान नहीं होता, इसके लिए पूरे लगन लगाकर अच्छे से पढ़ाई करके 10वीं तथा 12वीं पूरा करना होता।

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जिन उम्मीदवारों को कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीटेक या बीई करना है उन्हें 10वी के पश्चात साइंस स्ट्रीम का चुनाव करना होता। इसके बाद एंट्रेंस एग्जाम तथा मेरिट आधार पर B.tech या B.E कर सकते है। हालांकि डिप्लोमा करने वालों को साइंस लेकर पढ़ाई करने की कोई जरूरत नहीं, 10वी के बाद पॉलीटेक्निक के एग्जाम देकर सरकारी तथा गैर सरकारी कॉलेज से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर सकते है।

निम्नलिखित स्टेप्स में कंप्यूटर इंजीनियर कैसे बनते है उसके बारे में हमने बारीकियों से चर्चा की है। इसलिए कृपया पूरे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े ताकि आगे चलकर इस कोर्स को लेकर आपके मन कोई भी सवाल न रहे।

• 10 वीं पूरा करे: कंप्यूटर इंजीनियर बनने की चाहत रखने वाले स्टूडेंट्स को सबसे पहले 10वी का कोर्स पूरा करना होता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से। इसके बाद 11वी में भर्ती के दौरान सब्जेक्ट चयन करने का मौका मिलता है। उस समय फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा मैथेमेटिक्स का सब्जेक्ट्स चुनाव करना है।

अच्छे अंको से 12 वीं पूरा करे: 10वीं में सब्जेक्ट्स चयन करने के पश्चात 11वी तथा 12वी सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होना पड़ता है। कंप्यूटर इंजीनियरिंग की बीटेक कोर्स या बीई कोर्स में एलिजिबल होने के लिए उम्मीदवारों को 12वीं में कम से कम 45 प्रतिशत नंबर प्राप्त करना पड़ता है।

कंप्यूटर इंजीनियरिंग का डिग्री तय करे: जैसे कि हमने पहले ही चर्चा की है कि कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए कई सारे कोर्स है जिसमे से सबसे महत्वपूर्ण है डिप्लोमा, बीटेक और एमटेक। इसके अलावा बीसीए और एमसीए जैसे कोर्स भी उपलब्ध है।

आपको आपके आवश्यकताओं के अनुसार यह तय करना होगा कि आपके लिए कौन सा डिग्री सही होगा और कौन नहीं। कोर्स के हिसाब से योग्यता, फीस और सिलेबस भिन्न भिन्न होता है।

जैसे कि डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए उम्मीदवारों का योग्यता 10वी पास होनी चाहिए और कम से कम 15 वर्ष का आयु होना भी अनिवार्य है। इसके लिए उम्मीदवारों को 3 साल की पॉलीटेक्निक कोर्स करना पड़ता है।

और अगर कोई बीटेक या बीई करना चाहे तो उन्हें फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी लेकर 10+2 पास करना होता न्यूनतम 45 प्रतिशत नंबर से, इसके साथ उम्मीदवारों का आयु कम से कम 17 साल का होना चाहिए तब जाकर कंप्यूटर इंजीनियरिंग की बीटेक या बीई डिग्री के लिए एलिजिबल होंगे।

एप्लीकेशन फॉर्म भरे: डिप्लोमा कोर्स में भर्ती के लिए जितने भी एंट्रेंस एग्जाम होती है उसके एप्लिकेशन फॉर्म 10वी के फाइनल एग्जाम के बाद निकाली जाती है और बैचलर डिग्री के लिए 12वी में पढ़ाई के दौरान (मार्च-मई महीने के अंदर) फॉर्म पब्लिश किया जाता है।

फॉर्म भरने हेतु उम्मीदवारों को ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। वहां सबसे पहले अपना नाम, डेट ऑफ बर्थ, मोबाइल नंबर दर्ज करके रजिस्ट्रेशन पूरा करना होगा। इसके बाद अपना एड्रेस, शैक्षणिक योग्यता, खुद की फोटो कॉपी और सिग्नेचर सहित दूसरे जरूरी दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करना होगा।

आखिरी में कुछ रुपये की आवेदन शुल्क जमा करके फॉर्म को सबमिट कर देना है और उसका प्रिंट आउट निकालकर रख लेना है। ध्यान रहे फॉर्म भरते वक़्त कोई भी गलती न हो, इससे एडमिशन के दौरान काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करें: डिप्लोमा तथा बैचलर डिग्री के लिए हर राज्य में स्टेट तथा नेशनल लेवल पर एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है जिसके लिए अच्छे से तैयारी करना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि हर साल इंसमे लाखों स्टूडेंट्स हिस्सा लेते है कुछ ही हज़ार सीटों को भरने के लिए।

इसलिए अधिक प्रतिस्पर्धा के कारण 10वी के बाद ही तैयारी सुरु कर देनी चाहिए। तैयारी के लिए आप किसी कोचिंग सेंटर जॉइन कर सकते है, हालांकि आज के समय ऑनलाइन कई सारे प्लेटफार्म है जिससे आप चाहे तो घाट बैठे ही तैयारी कर सकते है। इससे विद्यार्थियों को समय के साथ पैसों का भी बचत होती है।

एडमिट कार्ड डाउनलोड करके एग्जाम दे: एप्लीकेशन के कुछ हप्ते बाद एग्जाम के लिए ऑथोरिटी द्वारा एडमिट कार्ड जारी किया जाता है, उसे डाउनलोड करके उस में बताई गई समय पर निर्धारित जगह में जाकर एग्जाम देना होता। JEE जैसे एग्जाम में मुख्यतः मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन आता है। ऐसे एग्जाम में नेगेटिव मार्किंग भी होती है यानी यदि आप तीन सवाल का गलत जवाब देते है तो आपका एक नंबर कट लिया जाता है।

काउंसलिंग में हिस्सा ले: एग्जाम के कुछ दिन बाद रिजल्ट निकालता है उंसमे आपके रैंक और प्राप्त नंबर के बारे में पता चल जाता है। यदि अच्छे रैंक आता है तो काउंसलिंग में हिस्सा लेना होता। काउंसलिंग के दौरान विद्यार्थी अपने मन पसंद कॉलेज को क्रमांक के अनुसार सजा सकते है।

काउंसलिंग के कुछ दिन पश्चात सीट अलॉटमेंट का रिजल्ट दी जाती है। अगर आप का रिजल्ट अच्छा हुआ है तो काउंसलिंग के दौरान आपके द्वारा चुने गए कॉलेज में सीट अलॉट हो जाता है। इसके बाद आपको कुछ फीस देकर सीट बुक करना पड़ता है। और बाद में कॉलेज अधिकारियों द्वारा आपके दस्तावेजों की सत्यापन करके एडमिशन करवाया जाता है।

इंटर्नशिप करे: यदि आप डिप्लोमा करते है तो उसे पूरा करने में तीन साल लग जाएगा और अगर बीटेक या बीई करते है तो कोर्स का समयावधि होगा 4 साल। कोर्स पूरा होने के बाद उम्मीदवारों को कुछ समय के लिए इंटर्नशिप करना पड़ता है उसके बाद रजिस्टर्ड इंजीनियर का सर्टिफिकेट मिल जाता है।

यह पढ़े:

Computer Engineer बनने के लिए कोर्स

कंप्यूटर इंजीनियर बनने हेतु कई सारे कोर्स उपलब्ध है जिसके बारे में आपको आगे जानकारी मिल जाएगी;

दप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस: यह तीन साल की डिप्लोमा कोर्स है जिसे एंट्रेंस एग्जाम देकर या फिर डायरेक्ट एडमिशन के माध्यम से पॉलीटेक्निक कॉलेज किया जा सकता है। इसके लिए हर राज्य में एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है जैसे कि JEXPO, VOCLET, BCECEB, JEECUP, MP PPT, JEEP, इत्यादि।

डिप्लोमा इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी: कंप्यूटर इंजीनियरिंग के अंतर्गत इंफोर्मेशनल टेक्नोलॉजी एक अहम हिस्सा है। आईटी क्षेत्र में ऐसे पेशेवर व्यक्तियों का मांग काफी अधिक है। इस कोर्स को करने में तीन साल का समयावधि लग जाती है। कोर्स पूरा होने के बाद टीसीएस, एचसीएल, टेक महिंद्रा, विप्रो जैसे कपंनियों में नौकरी करने का सुनहरे अवसर प्राप्त होती है।

बीटेक/बीई इन कंप्यूटर साइंस: यह चार साल की अंडर ग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्स है जिसे करने के लिए उम्मीदवारों को 10+2 में फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी लेकर पढ़ाई करनी चाहिए। इसके बाद JEE Main, JEE Advance, WBJEE, UPSEE, BCECE, इत्यादि

बीटेक/बीई इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी: यह भी चार साल की कोर्स है जहां एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से एडमिशन मिलता है। इसके अलावा मेरिट के आधार पर और डायरेक्ट एडमिशन का भी सुविधा उपलब्ध रहती है।

एमटेक/एमई: बीटेक या बीई करने के बाद अगर आप चाहे तो एमटेक या फिर एमई कर सकते है। यह दो साल की कोर्स है। इंसमे भर्ती होने के लिए उम्मीदवारों को न्यूनतम 55 प्रतिशत नंबर के साथ बीटेक या बीई पूरा करना होगा।

बीसीए कोर्स: ऊपर बताई गई कोर्स के अलावा BCA एक ऐसा कोर्स है जहां कंप्यूटर तथा प्रोग्रामिंग के बारे के सिखाया जाता है। इस कोर्स को करने के लिए उम्मीदवारों को 10+2 में फिजिक्स, मैथेमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस लेकर पढ़ाई करने होगा। कुछ कॉलेज में फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी लेकर पढ़ाई करने वालो को भी एडमिशन दिया जाता है।

Computer Engineer बनने के लिए बेस्ट कॉलेज

इंडिया में बहुत से सरकारी तथा गैर सरकारी कॉलेज है जहां से आप कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिप्लोमा तथा बीटेक या बीई कोर्स कर सकते है। यहां हमने कुछ कॉलेज के नाम बताये है, आप चाहे तो किसी दूसरे मान्यता प्राप्त अच्छे कॉलेज से यह कोर्स कर सकते है।

• आईआईटी कानपुर, कानपुर, उत्तर प्रदेश

• मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

• आईआईटी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

• मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल, मध्य प्रदेश

• अटल बिहारी वाजपेयी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्वालियर, मध्य प्रदेश

• आईआईटी पटना, पटना, बिहार

• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना, बिहार

• जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रौरकेला, ओडिशा

• वीर सुरेंद्र साई यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, बुर्ला, ओडिशा

• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कुरुक्षेत्र, हरियाणा

Computer Engineer बनने की कोर्स फीस

जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया है कि कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए कई सारे कोर्स है जिसके फीस और समयावधि भी भिन्न भिन्न है। आमतौर पर कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए औसतन ₹50,000 से ₹25,00,000 का कोर्स फीस लग जाता है।

यदि कोई सरकारी कॉलेज से यह कोर्स करते है तो उन्हें बहुत ही कम फीस देना होता परंतु इस कोर्स के लिए प्राइवेट कॉलेजों में इससे कई गुना अधिक फीस चार्ज किया जाता है।

कंप्यूटर की महत्वपूर्ण कोर्स: MCA Course Details

Computer engineer ki Salary kitni Hoti Hai

आज के समय कंप्यूटर इंजीनियर की डिमांड काफी अधिक होने के कारण ऐसे पेशेवर व्यक्तियों को हाई सैलरी पैकेज प्रदान करके नियुक्त किया जा रहा है। कंप्यूटर इंजीनियर की सैलरी बहुत से चिंजो पर निर्भर करता है। यदि कोई फ्रेशर्स होता है तो उन्हें एक्सपीरियंस इंजीनियर के तुलना में कम सैलरी पैकेज मिलता है।

इसके अलावा जॉब डिपार्टमेंट और सेक्टर भी अहम भूमिका निभाते है सैलरी पैकेज तय करने में। जैसे कि यदि कोई गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, टीसीएस, महिंद्रा जैसे कंपनियों में काम करना है तो उन्हें अच्छे सैलरी पैकेज मिल जाता है। परंतु अगर कोई छोटे कंपनी में काम करता है तो उन्हें तुलनात्मक कम सैलरी मिलेगा।

फिरभी यदि हम एक कंप्यूटर इंजीनियर की औसतन सैलरी की बात करे तो सालाना 3 लाख से 15 लाख का सैलरी पैकेज आसानी से मिल जाता है। हालांकि अगर कोई गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल जैसे कंपनी में काम करते है तो उन्हें इससे कई गुना अधिक सैलरी मिलता है।

निष्कर्ष: आज की इस लेख में हमने चर्चा की है कि कंप्यूटर इंजीनियर क्या है, Computer engineer kaise bane, कंप्यूटर इंजीनियर बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए, कोर्स की फीस कितना लगेगा, जॉब कौन सा मिलेगा, सैलरी कितनी होगी, इत्यादि।

आशा करते है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, अगर पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि उन्हें भी पता चले कंप्यूटर इंजीनियर कैसे बनते है उसके बारे में। यदि आपको कुछ पूछना हो या कोई सलाह देना हो तो कमेंट सेक्शन आपके लिए खुला है।
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