हमारे देश कृषि प्रधान देश है। लगभग 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय कृषि कार्य के साथ जुड़ा हुआ है और देश की अर्थ व्यवस्था (GDP) में किसानों द्वारा हर साल 17-18 प्रतिशत योगदान किया जाता है।
आज के समय आधुनिक पद्धतियों से कृषि कार्य करने के लिए युवा पीढ़ियों में उत्सुकता काफी तेजी से बढ़ रहे है। एक्सपर्ट का मानना है कि आने वाले समय मे इंडिया दुनिया के सबसे बड़े कृषि निर्यात करने वाले देश बन जाएगी।
इन बढ़ते हुए अवसर को देखते हुए बहुत से स्टूडेंट्स एग्रीकल्चर क्षेत्र में अपना करियर बनाना का इच्छा रखते है। ऐसे में agriculture engineering एक अच्छा ऑप्शन है इस क्षेत्र में करियर बनाने का।
अगर आप भी एग्रीकल्चर इंजीनियर बनना चाहते है तो आज की आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े। क्योंकि आज हम जनेंगे की agriculture engineer कैसे बने, कोर्स फीस कितना होगा, बेस्ट कॉलेज कौन सा है, स्कोप क्या है, सैलरी कितना मिलेगी, इत्यादि के बारे में।
Agricultural engineering in hindi
इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध कोर्स है एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग इसे Biosystems Engineering भी कहा जाता है जो देश की कृषि व्यवस्था को आधुनिकीकरण और ज्यादा मुनाफा सम्पन्न बनाने की लक्ष्य में निरंतर प्रचेष्टा कर रहे है।
इस कोर्स में उम्मीदवारों को कृषि क्षेत्र से जुड़े नई नई डिज़ाइन सम्पन्न मशीनरी की अविष्कार, कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का उपयोग, पर्यावरण को हानि न पहुंचाकर कैसे एग्रीकल्चर क्षेत्र को आधुनिकीकरण किया जाए उसका शिक्षा प्रदान की जाती है।
देश मे ऐसे कई सारे कॉलेज, इंस्टीट्यूट है जहां से आप एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकते है। इसके लिए कुछ कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम की आयोजन करना है और कुछ कॉलेज में डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है।
एग्रीकल्चर इंजीनियर बनने के लिए दो मार्ग उपलब्ध है, कोई चाहे तो बैचलर डिग्री (ग्रेजुएशन) कर सकते है और कोई चाहे तो डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की कोर्स भी कर सकते है।
इन दोनों अलग अलग डिग्री के लिए अलग अलग मानदंड की आवश्यकता होती है जिसके बारे में नीचे बारीकियों से बताया गया है।
Agricultural engineering ke eligibility (एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के पात्रता)
एग्रीकल्चर इंजीनियर बनने के लिए न्यूनतम कुछ मानदंड का होना आवश्यक है। इसके पात्रता निर्भर करेगा आप कौन से कोर्स करेंगे उसके ऊपर। जैसे अगर आप B tech या BE कोर्स करते है तो उसके लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वी पास करना होगा।
12वी में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथेमेटिक्स सब्जेक्ट्स होनी चाहिए और उंसमे कम से कम 50 प्रतिशत नंबर होना जरूरी है जनरल वर्ग के छात्रों के लिए वही अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए 45 प्रतिशत।
और अगर कोई डिप्लोमा कोर्स करना चाहते है तो उसके लिए न्यूनतम 10वी पास करना होता किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से या उसके समकक्ष कोई कोर्स करना अनिवार्य है।
आयु की बात करे तो बीटेक या बिई कोर्स में दाखिला लेने हेतु कम से कम 17 साल की आयु होनी चाहिए और डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के कोर्स के लिए न्यूनतम 15 साल।
Agriculture engineer kaise Bane (एग्रीकल्चर इंजीनियर कैसे बने)
जैसे कि आपको पहले ही बताया कि एग्रीकल्चर इंजीनियर बनने के लिए बैचलर और डिप्लोमा, दोनों कोर्स उपलब्ध है। जिसके एडमिशन प्रॉसेस आगे देख सकते है:
• बैचलर इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग: एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री करने के लिए दो कोर्स उपलब्ध है, B tech और BE. दोनों ही 4 साल की एक ग्रेजुएशन डिग्री है जिसमे आठ सेमेस्टर होते है।
इस कोर्स की पढ़ाई करने के लिए सबसे पहले अभ्यर्थियों को 12वी या उसके समकक्ष किसी भी कोर्स में 50 प्रतिशत नंबर से पास करना होता उसके बाद ही इस कोर्स के लिए एलिजिबल होते है।
कोर्स में दाखिला लेने हेतु एंट्रेंस एग्जाम लिया जाता है हालांकि कुछ कॉलेज में डायरेक्ट एडमिशन भी लिया जाता है। एंट्रेंस एग्जाम देकर कोर्स में भर्ती होने के लिए आपको कॉलेज के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होता।
उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम पूरा होने के पश्चात उंसमे प्राप्त नंबर के आधार में मेरिट लिस्ट तैयार किया जाता, जिसके आधार पर ही कोर्स में दाखिला मिलता है। यह रहा कुछ एंट्रेंस एग्जाम के नाम, JEE Main, JEE Advance, WB JEE, BITSAT, TS EAMCET, GUJCET, HPCET, MH CET, UPESEAT.
एग्जाम में पास होने के पश्चात एडमिशन के लिए काउंसलिंग किया जाता है उसके बाद कोर्स में दाखिला मिलता है।
कुछ ऐसे कॉलेज है जहां डायरेक्ट एडमिशन भी होता है इसके लिए सीधा कॉलेज से संपर्क करना होता और एडमिशन फीस जमा करके एडमिशन लेना होता।
• डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग: अगर आप डिप्लोमा कोर्स करते है तो यह तीन साल की कोर्स है जिसमे छह सेमेस्टर देना होता, हर सेमेस्टर के बीच छह माह के गैप रहता है।
इंसमे दाखिला लेने के लिए अभ्यर्थियों को कम से कम 10वी पास करना होता किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से या उसके समकक्ष कोई योग्यता हासिल करना चाहिए उसके बाद इस कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
इसके एडमिशन भी दो तरीके से होता, डायरेक्ट एडमिशन और मेरिट आधार पर एडमिशन। डायरेक्ट एडमिशन लेना सबसे आसान है इंसमे कोई एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता नहीं अभ्यर्थी को कॉलेज के साथ कांटेक्ट करके एडमिशन लेना होता।
और कुछ कॉलेज में मेरिट आधार पर एडमिशन लिया जाता है। ऐसे में कॉलेज द्वारा एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता, उंसमे प्राप्त नंबर के आधार पर ही कोर्स में दाखिला मिलते।
ध्यान रहे अगर कोई ऐसा उम्मीदवार है जो 12वी में आर्ट्स या कॉमर्स लेकर पढ़ाई की है परंतु एग्रीकल्चर इंजीनियर बनना चाहते है तो उसके लिए पहले पॉलीटेक्निक का कोर्स यानी तीन साल की डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग का कोर्स करना होगा।
उसके बाद कोई चाहे तो बीटेक कर सकते है। ऐसे में बीटेक की दूसरे वर्ष में लेटरल एडमिशन मिल जाएगा यानी डिप्लोमा के डिग्री धारियों को तीन साल की बीटेक करना होगा।
Agriculture engineering ki fees
कोर्स का फीस करने वाले कोर्स के ऊपर निर्भर करेगा यानी अगर कोई बीटेक इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग का कोर्स करते है तो ज्यादा फीस लगेगा और डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के कोर्स के लिए कम फीस देना होगा।
आमतौर पर चार साल की बीटेक कोर्स करने के लिए सालाना ₹20,000 से ₹1,00,000 फीस लग जाता है। वही डिप्लोमा कोर्स के लिए ₹6000 से ₹45,000 सालाना लग जायेगा।
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• B.sc agriculture Course Details
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एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग सिलेबस
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के डिप्लोमा और बीटेक, दोनों ही कोर्स के लिए अलग अलग सिलेबस है। जिसमे से कॉमन सब्जेक्ट्स नीचे बताया गया है।
- बेसिक्स ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
- इंजीनियरिंग केमिस्ट्री
- इंजीनियरिंग फिजिक्स
- मैथेमेटिक्स
- इंजीनियरिंग ड्राइंग
- साइंस ऑफ सॉइल
- इंजीनियरिंग मैकेनिक्स
- हॉर्टिकल्चर एंड फील्ड क्रॉप्स
- फार्म मशीनरी
- एग्रीकल्चरल प्रॉसेस इन इंडस्ट्रीज
- सॉइल फिजिक्स
- सॉइल मैकेनिक्स
- बायोटेक्नोलॉजी
- एन्विरोमेंटल स्टडीज
- रिन्यूएबल एनर्जी
- एग्रीकल्चरल प्रॉसेस एंड इंजीनियरिंग
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के बाद क्या करे (Agricultural engineering ke scope)
अगर आप सोच रहे है कि एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के क्या करे तो आपको बता दे, इस कोर्स के बाद अभ्यर्थियों के लिए कई तरह के मार्ग खुल जाता है, कोई चाहे तो हायर स्टडी कर सकते है। जैसे, डिप्लोमा करने वाले बीटेक कर सकते है और बीटेक करने वाले एम.टेक कर सकते है।
और अगर कोई चाहे तो सरकारी तथा निजी क्षेत्र में नौकरी कर सकते है। नीचे कुछ जॉब्स प्रोफाइल के बारे में बताया गया है।
- एग्रो-बेस इंडस्ट्रीज में इंजीनियर
- एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर
- एग्रीकल्चर स्पेशलिस्ट
- एग्रीकल्चर रैसेरचेर
- एग्रीकल्चर क्रॉप इंजीनियर
- एन्विरोमेंटल कंट्रोल इंजीनियर
- एग्रीकल्चर रिसर्च साइंटिस्ट
- माइक्रो-बायोलॉजिस्ट
- एग्रोनॉमिस्ट
- फार्म शॉप मैनेजर
- फ़ूड सुपरवाइजर
- सॉइल साइंटिस्ट
- प्लांट फिजियोलॉजिस्ट
- सर्वे रिसर्च एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
- कंजर्वेशन साइंटिस्ट एंड फोरेस्टर
- एग्रीकल्चर एंड इर्रिगेशन इंजीनियर
- फ़ूड सेफ्टी एप्लीकेशन इंजीनियर
एग्रीकल्चर इंजीनियर की सैलरी
अगर एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग कोर्स के बाद सैलरी की बात की जाए तो यह निश्चत रूप से कहा नहीं जा सकता कितना होगा। बहुत से चीज़ों के ऊपर निर्भर करके सैलरी तय किया जाता है।
जैसे, क्वालिफिकेशन, काम के एक्सपीरियंस, काम के पद, काम के क्षेत्र इत्यादि बिंदु को देखते हुए सैलरी तय किया जाता है। आमतौर पर 2.5 लाख से 5.0 लाख प्रति वर्ष सैलरी पैकेज मिल जाता है। धीरे धीरे समय और एक्सपीरियंस के साथ सैलरी में इन्क्रीमेंट भी होता है।
निष्कर्ष: इस आर्टिकल में हमने Agricultural engineering course के बारे में बात किये है। हमे आशा है जिन उम्मीदवारों को जानना है कि एग्रीकल्चर इंजीनियर कैसे बने उन्हें सारे सवालों का जवाब मिल गया होगा।
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